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आपकी नजर में content को कापी करने की परिभाषा क्या है ?

आपकी नजर में content को कापी करने की परिभाषा क्या है ?

जैसा कि इस पोस्ट के टाईटल से जाहिर है, आपकी नजर में content को कापी करने की परिभाषा क्या है ? Content कापी करना किसे कहते हैं पर चर्चा करने से पहले में एक बात साफ कर देना चाहता हूँ कि मेरा इस प्रकार से इस विषय पर पोस्ट लिखना विवाद का कारण बन सकता है | लेकिन फिर भी इस तरह की पोस्ट लिख रहा हूँ | शायद इस विषय पर कभी कोई पोस्ट नहीं लिखता, लेकिन ! आज ब्लॉग जगत में इस contect कापी की नित्य बढ़ रही प्रवृति पर उत्पन्न चिंता कि आज की पीढ़ी किस दिशा में जा रही है ? पर अंकुश कैसे लगाया जाये ? पर पोस्ट लिखने की हिम्मत जुटाई जा रही है |

सबसे पहले तो इस विषय पर मन में कुछ प्रश्न उभरते हैं जो निम्न प्रकार से हैं (ये मेरी अपनी सोच है, हो सकता है सभी इस सोच से सहमत न हों | सभी का इस विषय पर अपना नजरिया हो सकता है) :-
1. आप contect कापी करते ही क्यूँ हैं ?
2. क्या ये आपकी मानसिकता है ?
3. क्या आप दूसरों से खुद को श्रेष्ठ साबित करना चाहते हैं ?
4. क्या आप में श्रेष्ठ लिखने की क़ाबलियत नहीं है इसलिए ?
5. क्या आपको लगता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये contect कापी किया हुआ है ? इसे अपना कहने में क्या हर्ज है, क्यूंकि ये ब्लॉग पर आसानी से फ्री में उपलब्ध जो है |
6. क्या contect कापी करना लेखन से आसान है, इसलिए कापी करने में क्या बुराई है | जब आसानी से ये सुलभ है तो लिखने में समय क्यूँ व्यर्थ किया जाये व दिमाग पर जोर क्यूँ डाला जाये ?
7. क्या आप ये साबित करना चाहते हैं कि आप कोई भी ताला लगा लो हम तो contect कापी करके रहेंगे ?
8. या ये भी हो सकता है आप ये सोच रखते हुए की कोई हमारा कुछ भी नहीं कर सकता, इसलिए बेधड़क कापी करेंगे ?
9. या ये भी हो सकता है हम तो पैदा ही कापी करने के लिए हुए हैं | हमें तो लिखना गड़बड़ झमेला लगता है | कापी करना आसान है व आसानी से सुलभ है, व इसे आसानी से अपने नाम पर प्रकाशित किया जा सकता है | वैसे ऐसा करने में बुराई भी क्या है ?
10. या ये भी हो सकता है की आप ये मानते है की कौन सा यहाँ पर ज्यादा देर तक रहना है | हमने अपनी पहचान तो पहले से छुपा रखी है | जब मन भर जायेगा ब्लॉग बंद कर देंगे व छूमंतर हो जायेंगे |

अब बात करते हैं contect कापी करने से अन्य ब्लॉग की भांति तकनीक पर लेख लिखने वाले हिंदी ब्लॉग भी इस कापी करने की प्रवृति से अछूते नहीं रहे | आजकल के नये ब्लॉगर खुद को आसानी से तकनीक के महागुरु साबित करने के लिए कोड को कापी करने के बाद आसानी से एक ट्रिक के रूप में अपने नाम से प्रकाशित कर रहे हैं, व इसे अंगेजी के एक ब्लॉग से ली गयी बता रहे हैं | इन्होने जो कोड पेश किया है वो इसकी चुगली कर रहा है | कारण आपको बता देते है कि जब भी कोई कोड मैं अपने ब्लॉग पर प्रयोग करता हूँ तो मेरी ज्यादातर कोशिश यही होती की वो कोड मेरे नाम के वर्ण से शुरू हो या मेरे ब्लॉग के पहले वर्ण यानीं कि t से | इसका एक स्क्रीनशाट आप निम्न चित्र में देख सकते हैं |
copy-content-navjyot
अब इन ब्लॉगर महोदय ने मेरे ब्लॉग पर प्रयुक्त इस कोड को जो मैं अपनी पोस्ट में प्रयुक्त कर रहा हूँ को एक ट्रिक के रूप में सबके साहमने अपने नाम से प्रस्तुत किया है, जबकि इस कोड को मैं एक दिसंबर २०१२ से प्रयुक्त कर रहा हूँ | मैं इन नये उभरते ब्लॉगर का नाम नहीं ले रहा | ये ब्लॉगर महोदय पहले भी ऐसी गलती कर चुके हैं इस ब्लॉग की एक पोस्ट को कापी करने के लिए | जिस के लिए इन्होने माफ़ी मांगी थी | मैंने इनके ब्लॉग पर जाना छोड़ दिया था तो इन्होने फिर से वही शुरू कर दिया कापी करने का काम (जिसे मैं अपनी भाषा में पोस्ट पर टेपना कहता हूँ)

और तो और आजकल तकनीक के नये लेकिन बहुत बड़े महागुरु पैदा हो गये हैं जो अन्य ब्लॉग पर जाकर खुद को महागुरु साबित करने में लगे हुए हैं | अन्य के ब्लॉग पर जाकर उनके ब्लॉग में कमियां निकालते है, इसके साथ ही ये अन्य ब्लॉग से कोई ऐसा प्रश्न पूछने पर खुद उसका हल ढूँढने के लिए मारे-मारे फिरते हैं | मैंने ब्लॉग शुरू करने से लेकर अब तक किसी भी हिंदी ब्लॉग पर किसी भी तरह का प्रशन नहीं पूछा | यहाँ पर ये लिखने के मकसद सिर्फ इतना है की यदि आप किसी विषय पर पारंगत नहीं है तो उस विषय पर खुद को महागुरु साबित न करें | किसी विषय के बारे में नहीं जानते तो उस पर प्रश्न पूछने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन उस विषय पर खुद को महागुरु साबित करने में बुराई अवश्य है |

कुछ ऐसा ही ग़ज़ल लेखक या आलेख लेखक या कविता लिखने वाले लेखक के साथ होता है, कि उनकी लिखी उनकी अभिव्यक्ति को कुछ ही पलों में धूल में मिलाते हुए उनकी मेहनत पर पानी फेरते हुए उसे अपने नाम से प्रकाशित कर लिया जाता है | कहाँ का है ये न्याय ?

मेरा ये प्रश्न उन ग़ज़ल लेखक या आलेख लेखक या कविता लिखने वाले लेखक से भी है कि वे इसका विरोध क्यूँ नहीं करते | या ये लगता है कि आप सभी विरोध करना ही नहीं चाहते, तभी तो इस प्रवृति को बढ़ावा मिल रहा है | यदि आप विरोध ही नहीं करेंगे तो इस प्रवृति पर रोकथाम कैसे लग पायेगी ?

कापी करने की इस प्रवृति से निज़ात पाने का क्या उपाय है ?
क्या आप भी इस प्रवृति से निज़ात पाना चाहते हैं ?
क्या चुप रह कर इस प्रवृति में सहायता करने में आपकी सहमति है ?
या फिर आप इस प्रवृति का विरोध करना ही नहीं चाहते ?
या आपकी मानसिकता ऐसी बन चुकी है कि करने दो ऐसा हमारा क्या गया ? एक आलेख, एक कविता या एक ग़ज़ल ही तो थी |
या फिर आप ये सोचते है कि हम कर ही क्या सकते हैं ?
क्या आप किसी पोस्ट के उसके अंश को कापी करने को ही ज्ञान फैलाना मानते हैं ?

क्या ज्ञान फ़ैलाने का जरिया ये कि यदि कोई व्यक्ति आपके किसी content को कापी करता है तो उसे रोकना नहीं चाहिए क्यूंकि वो ज्ञान फैला रहा है, और जब वो ज्ञान फैला रहा तो वो आपकी सहायता कर रहा है | उस ऐसा करते रहना चाहिए | (इस ब्लॉग जगत में कुछ ब्लॉगर ऐसा ही मानते हैं)|

क्या ज्ञान के नाम पर कापी करने की खुली छूट होनी चाहिए |

क्या सिर्फ कापी करने से ज्ञान फैलता है, कुछ भी नया रचित करने से नहीं ? (मुझे आज ऐसी ही एक नई परिभाषा से परिचित कराया गया है)

यदि सभी ब्लॉग ज्ञान फ़ैलाने के नाम कापी की परिभाषा पर अमल करते हुए ऐसा करने लगे तो इस ब्लॉग जगत का सवरूप कैसा होगा ? क्या सच में इस से ज्ञान फ़ैलाने का मकसद पूरा हो पायेगा | नई रचना रचित करने में कौन योगदान दे पायेगा | बहुत से ऐसे प्रश्न विचारणीय हैं |

ऐसे बहुत से प्रश्न मन में और भी हैं लेकिन उनको उजागर न करते हुए एक ही सवाल है आप सबसे :-

आप इस कापी करने के प्रवृति पर अंकुश चाहते है या नहीं

यदि आप चाहते है कि ऐसा नहीं होना चाहिए तो क्या उपाय किये जाने चाहिए ?

मेरे ख्याल से एक उपाय ये भी हो सकता है कि इस विषय पर जो इस पर सहमत हो एक ऐसा लिंक तैयार किया जाये, जब भी कोई ब्लॉग इस तरह से करता है तो उस पकी-पकाई खाने वाले यानि की कापी करने वाले ब्लॉग का स्क्रीन शाट ले कर उसे ज्यादा से ज्यादा ब्लॉग पर एक साथ प्रकाशित करना चाहिए | इसके लिए जिसे भी इस तरह की किसी की पोस्ट को कापी करने के बारे पता चलता है वो उसका स्क्रीन शाट लेकर अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने के साथ इस मसले पर जुड़े अन्य ब्लॉगर को इसकी सूचना दें, व वे ब्लॉगर तुरंत इसका स्क्रीनशाट लेकर अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने के बाद अन्य को इसकी सूचना दें, तभी इस तरह की प्रवृति पर अंकुश लगाया जा सकता है अन्यथा नहीं व्यर्थ में ढिंढोरा पीटने से कोई लाभ नहीं होगा, व इन contect कापी करने वालों की दुकानदारी चलती रहेगी |

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8 टिप्पणियाँ

  1. विनीत जी सादर प्रणाम
    अभी आप ब्लाग चोरी की समस्या से परेशान है आज मेरे साथ एक विल्कुल ताजा घटित हुआ मेरे एक जानकार महोदय मेरी न्यूज वेव साइट पर किसी के बताने से पहुँचे उन्हौने मुझे धन्यबाद दिया क्योकि मेरे जानकार थे मुझसे बोले भाई मेरा फोटो भी यहाँ लगा दो तथा अपना संबाददाता बना लों मैने एसा कर दिया अब होता क्या है कि अगलेदिन फोन आता है कि भाई ज्ञानेश तुमने तो फ्री बाला ब्लाग बना रखा है इसे आप इसी नाम से डाट काम में बदल लो मैने कहा कि अभी जल्दी ही बदल दूँगा।वोले कि क्या नाम देना चाहते हो मेने कहा कि जिस नाम से चल रहा है इसी के नाम से ही दूँगा बोले हाँ अच्छा रहैगा फिर दो दिन बाद यानि की आज फोन आया करीब 12 बजे अरे ज्ञानेश जी आपके नाम से डोमेन ले लिया है।मैने कहा कि आपने क्यो परेशानी की भाई सहाव मैं ही ले लेता खैर कोई बात नही आपने ले लिया तो अच्छा है।चलो जल्दी हो गया नही तो मै तो अभी कुछ दिन बाद लेता मैरे इतना कहने पर भी उस ब्यक्ति ने यह नही बताय़ा कि उसने डोमेन अपने नाम पर करा लिया है।लैकिन भैया हम भी थोडा़ बहुत ब्लागिंग करते करते लोगों की फितरत से परिचित हो गये है सो मैने उनकी साइट पर जाकर पता लगाया कि वे कहाँ से डोमेन लेते हैं ओर उस रीसेलर को फोन किया तो मै चकित रह गया कि मैने पूछा भाईसहाब किस नाम से रजिस्टर कराया है वो वोले मुझसे तो कुमुद जी अपने नाम पर ही रजिस्टर करा गये हैं आपको नही बताया मैने उनसे कहा कि भूल गये होगे खैर कोई बात नही फिर मैने भ्राता श्री के पास फोन किया कि भाईसहाब आपने किस नाम से रजिस्टर कराया है बोले आपके लिये लिया है तो आपके ही नाम से रजिस्टर कराया है मैने कहा कि वो रीसेलर तो आपके नाम से बता रहै थे तो गुस्सा होते हुये बोले कि अगर मैरा दिमाग खराब न करो मुझमें और तुममे कोई अन्तर है क्या तो आप समझे कि हालत कहाँ तक खराब है भाई सहाब आजकल आपकी महेनत पर हर कोई डाका डालना चाहता है। अब जानो कि मै अगर पता नही लगाता तो मैरा सारा ब्लाग बना बनाया ही उनका हो जाता मै जैसे ही इस डोमेन को यूज करता तुरन्त यह उनका हो जाता अब बताओ क्या करे आप तकनीकि ब्लागर है क्या किया जाए बताऐ

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    उत्तर
    1. आप अपने ब्लॉग पर यथावत रहें | उन्होंने जो डोमेन नेम लिए उसे कस्टम डोमेन नेम पर जाकर इस डोमेन नेम को सेट करना पड़ेगा तभी उस डोमेन नेम से आपका ब्लॉग जाना जायेगा | आब यदि आप उन्हें admin बनाया हुआ है तो तुरंत ही उनकी admin को निरस्त कर दें |

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    2. आगे से ये ध्यान रखें कि आप अपने ब्लॉग का admin किसी को भी न बनाएं | Author जिस को चाहें बनाएं | सबसे ज्यादा सकैम इस वेब की दुनिया में ही होते हैं | उम्मीद है कि आप आगे से ध्यान रखेंगे |

      [im]http://2.bp.blogspot.com/-FnUhE_6y0bY/UPvr8OcA94I/AAAAAAAAGcg/M2XdWlha3Ws/s1600/author.jpg[/im]

      हटाएं
    3. नये खरीद किये गये डोमेन नेम को सेट करने के लिए निम्न चित्र अनुसार custom में जाकर सेटिंग करनी पड़ेगी | वो ये सेटिंग तभी कर पाएंगे जब वो आपके ब्लॉग के admin पावर का प्रयोग कर पाएंगे |

      [im]http://4.bp.blogspot.com/-mjWw4V73lJY/UPvsfIEKitI/AAAAAAAAGcs/cAKp1ILq3Fc/s1600/custom.jpg[/im]

      हटाएं
  2. धन्यबाद विनीत जी मैने उन्है अभी एडमिन नही बनाया है सो मुझे किसी चिन्ता की जरुरत ही नही है आपने मेरी चिन्ता का निराकरण कर दिया ।
    धन्यबाद

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  3. वनित जी या विनीत जी में ऊपर की टिप्पणियों से और आपके नाम की स्पेलिंग से भ्रमित हो गया हूँ ,आपको कॉपी पेस्ट की ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए ,क्यूँ की आजकल सर्च इंजन के मकड़े (स्पाइडर बोट )
    बहुत होशियार हो गए हैं ,उनको पता रहता हे की सबसे पहले कौन सी पोस्ट किस वेबसाइट या ब्लॉग पे अपलोड हुई हैं और किस आई पी लोकेशन से हुई हैं और इसी हिसाब से वो सर्च में आपकी पोस्ट की रैंकिंग तय करते हैं ,इसलिए टेंशन फ्री होकर अच्छा लिखते रहिये और बच्चो को अपना काम करने दे !:)

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    उत्तर
    1. शुक्रिया दिलीप जी, वैसे मेरा नाम विनीत नागपाल ही है | अंग्रेजी में इसे मैं Vaneet Nagpal लिखता हूँ इसलिए ये कन्फ्यूजन पैदा होता है | Document में अंग्रेजी में हुई इस मिस्टेक के कारण ही ऐसा करना पड़ता है |

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