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asli lal kitab hindi mein : farman no.-2 page-9

असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में फरमान न: 2 पेज़-9

     लिए मुकरर्र किए हुए घरों में होने पर इन्सानी जिन्दगी में होगी अगर कुंडली हथेली का बर्रे-आज़म बनी तो ग्रहों की नज़र का रास्ता या उनकी बाहमी दृष्टि ब्रह्माण्ड के दरियाओं की गुजर गाह होगी जो उनके असर में ग्रह मंडल की जाती दोस्ती व दुश्मनी से पैदा शुदा लहरों की उकसाहट से हजारत किस्म की तब्दीलियाँ वाका करने का बहाना होगी उअर ग्रहों की मुकरर्र मयादों पर अक्सर जाहिर हुआ करेगी
     उंगलिओं के पोरों (हिस्सों) और हथेली के बर्रे-आज़म हर दो ही के बारह-बारह टुकड़े हुए और बुर्जों या पहाड़ों के नौ-नौ हिस्सों में तकसीम किया गया यही नौ निधि (गैबी ताकत) बारह सिद्धि (इन्सानी हिम्मत) इस इलम की बुनियाद हुई
     ग्रह राशि और रेखा के इलावा मकान जेरे-रिहाइश-ख्वाब माल मवेशी दुनिया के दूसरे साथी दीगर शगून (शुभ निशानियाँ) और इल्मे क्याफा इस मज़मून के जरूरी पहलू गिने गए

जूही के गैबी अक्स दिमागी खानों में नक्श हो कर हाथ की रेखा के दरियाओं के पानी में जाहिर हुआ दुनियां के पहाड़ों का लंबा सिलसला हथेली के बुर्जों में बुलंदी से दिखाई देने लगा और बच्चे के सांस की हवा ने भी रुख बदला जिस पर पहाड़ों से घिरी हुई हथेली का बर्रे आज़म और चारों उंगलिओं के वसीह मैदानों के बारह कोने जन्म कुंडली में हूबहू वैसे के वैसे पाए गए और अगर खुद रहा तो सिर्फ अंगूठा (अंगुष्ठ नर) ही बेस्ख पाया गया जो न तमाम का महुव्वर (धुरी) अंगूठे की कीली और दुनियांदारों के पुण्य पाप का पैमाना मुकरर्र हुआ दूसरे लफ़्ज़ों में हथेली की लकीरों या बारह खानों और उँगलियों बारह ही गांठों से जो गैबी अक्स ज़ाहिर हुआ वह हूबहू कुंडली के बारह खानों में नौ ग्रहों की मुखल्तिफ अवस्था से पाया गया







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